हर वक़्त

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उसका गम मुझे हर वक़्त अपना सा लगा!  डूब कर अश्कों मे भी सहरा सा लगा!  ये और बात है अब उससे नही ताल्लुक कोई! क्यूँ उसकी याद का जहर भी ...

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