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इस आश्चर्यजनक कथा को सुनकर सुमित्रानन्दन बोले, “हे प्रभो! ऐसे ही शाप की कोई और कथा हो तो सुनाइये।” लक्ष्मण के जिज्ञासा देखकर कौशल्यानन्दन बोले, “नहुष के पुत्र राजा ययाति के ...