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आखिरी खत (प्रतियोगिता के लिए) आज भी याद है वो आम की अमराई, तुम्हारा पत्थर मारकर आम तोड़ने की कोशिश करना। कभी एक दो आम टूट जाते तो तुम उसे मेरे ...