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... यह मंदिर ठाकुरजी का था, बस्ती के दूसरे सिरे पर। ऊँची कुरसी थी। मंदिर के चारों तरफ तीन-चार गज का चौड़ा चबूतरा था। यही मुहल्ले की चौपाल थी। सारे दिन ...