रंगभूमि--मुंशी प्रेमचंद

186 Part

254 times read

1 Liked

यह कहकर मिसेज़ सेवक फिटन पर जा बैठीं। संध्‍या हो गई थी। सड़क पर ईसाइयों के दल-के-दल कोई ओवरकोट पहने, कोई माघ की ठंड से सिकुड़े हुए, खुश गिरजे चले जा ...

Chapter

×