रंगभूमि--मुंशी प्रेमचंद

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कुँवर साहब को मालूम हुआ कि सोफ़िया बातें कर रही है, तो वह भी उसे धन्यवाद देने के लिए आए। पूरे छ: फीट के मनुष्य थे, बड़ी-बड़ी आँखें, लम्बे बाल, लम्बी ...

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