रंगभूमि--मुंशी प्रेमचंद

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कुँवर साहब-हाँ-हाँ, अभी तो कल ही गया था, वही अंधा है न, काला-काला, दुबला-दुबला, जो सवारियों के पीछे दौड़ा करता है? जॉन सेवक-जी हाँ, वही-वही। वह जमीन उसकी है; किंतु वह ...

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