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*मैं शिव हूंँ* मैं शिव हूंँ पंचतत्व मुझ में ही समाए, अग्नि, आकाश, पानी, हवा, मिट्टी, सब मैंने ही तो बनाए | मेरा मन तड़पता बहुत , खुद से ही में ...