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सर्वविदित है यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते देवता सदैव हैं करते निवास वहाँ किन्तु करे जो अपमान नारी का मिल सके कभी उसे सुकून कहाँ। नारी होती नहीं कोई शब्द मात्र है छिपा ...