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"किसी बेरंग शाम एक कप कॉफी और तुम" -------–---------------------------------------–---- बहुत याद आते हैं वह दिन... अक़्सर गली के नुक्कड़ पर उससे मुलाक़ात होती। साथ चलते हुए मैं मुस्कुराकर कहता यूँ राहों ...