वृद्धावस्था - लेखनी कविता -02-Mar-2022

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आज की इस स्वार्थी दुनिया में किसे कहूँ अपना, किसे पराया अहंकार मानव  दिलों में छाया  रिश्तों पर छायी धन की माया। जिस अनाथ को था बेटा बनाया उसकी खुशी में ...

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