सच्ची दोस्ती - लेखनी प्रतियोगिता -04-Mar-2022

1 Part

311 times read

15 Liked

काँटों भरे हैं पथ,  जिन पर चलना चाहूँ  आएं कितनी ही बाधाएँ  तुम से मिलना चाहूँ।  तुम थे मेरे सुख-दुख के साथी  मेरे हमदर्द, मेरे सहपाठी।  संग तेरे करती रहती मैं ...

×