कुछ ऐसा करो

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मौन हृदय का एक करुण स्पंदन सुनो , जो स्वार्थ से रहित हो ऐसा एक बंधन चुनो। फूल मालाओं के स्वागत हैं दिखावे के लिए, जिनमें सच्चा प्रेम हो पलकों का ...

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