पहचान बताते क्यों हो=.गजल

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मुझसे  हर रोज   इम्तेहान  दिलाते  क्युं  हो। तोड़ने  है  तो  फिर  अरमान सजाते क्युं हो । जब  निगाहों  में  तेरी मैं हूं अब बागी ठहरा, फिर मुझे  रोज इक  फरमान सुनाते ...

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