लेखनी कहानी -05-Mar-2022

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माना कि ये हो नहीं सकता कभी ख्वाबों मे मिलो ख्यालों की तरह मेरे अनसुलझे से सवालों की तरह जैसे मिलती है तितली फूलों की पंखुड़ियों से जैसे मिलता है झरना ...

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