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गज़ल हर घड़ी मुहब्बत को, बेकरार मौसम है। कर रहा तुम्हारा ही, इंतज़ार मौसम है।। पास में चले आओ, छोड़ कर हया तुम भी। देखलो भला कितना, खुशगवार मौसम है।। ख्वाब ...