सदियाँ गुजर गयीं -लेखनी प्रतियोगिता -06-Mar-2022

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गुजरे दिन,  गुजरे महीने  अब तो सदियाँ गुजर गयीं  न आये तुम मुझसे मिलने  मेरी खुशियाँ उजड़ गयीं।  तुम बोले थे जल्दी आऊँगा  धरती माँ का कर्ज चुकाना है  माँ के ...

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