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वार्षिक प्रतियोगिता कविता:- आमदनी:- आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपय्या, हर बहन से बोले उसका भैया। पढ़ लो जितना पढ़ सकते हो, वरना जब जीतने होंगे सपने, भरनी होगी उड़ान, करने होंगे ...