लेखनी कहानी -07-Mar-2022 - आमदनी

1 Part

166 times read

5 Liked

आमदनी मेरी इतनी नहीं जान , काहे को रखी तूने भौंहें तान |  फरमाइश तेरी इतनी बढ़ी ,  जान मेरी तो सूली चढ़ी |  ख्वाहिशों को थोड़ा नियंत्रित कर लो , ...

×