रंगभूमि--मुंशी प्रेमचंद

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मिसेज़ सेवक-खुदा इन लोगों का उद्योग सफल करें। इनके त्याग की जितनी भी प्रशंसा की जाए, कम है। मैं देखती हूँ, यहाँ इनकी खास तादाद है। कुँवर साहब-मुझे इतनी आशा न ...

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