186 Part
139 times read
1 Liked
... शाम हो गई थी। इंदु का चित्ता बहुत घबरा रहा था। उसने सोचा, जरा अम्माँ जी के पास चलूँ कि सहसा राजा साहब सामने आकर खड़े हो गए। मुख निष्प्रभ ...