रंगभूमि--मुंशी प्रेमचंद

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.... विनय-अम्माँजी को तुम जानती हो, वह मुझे कभी क्षमा न करेंगी। सोफी-तुम्हारे प्रेम का आश्रय पाकर मैं उनके क्रोध को शांत कर लूँगी। जब वह देखेंगी कि मैं तुम्हारे पैरों ...

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