रंगभूमि--मुंशी प्रेमचंद

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बजरंगी-मुंशीजी, मुझसे उड़नघाइयाँ न बताइए। मुझे भी सभी तरह के ग्राहकों से काम पड़ता है। अगर दस दिन में आऊँगा, तो आप कहेंगे,इतनी देर क्यों की, अब रुपये खर्च हो गए। ...

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