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निकला था एक दिन सुबह सैर पर सोचा कि मिल जाए कहीं दर्प अगर पूछ लूँगा कहाँ बनाया हुआ है घर ढूँढते-ढूँढते अचानक आया नज़र। मैंने कहाँ दर्प भैया कहाँ थे ...