लेखनी कहानी -10-Mar-2022 उम्मीद

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उम्मीदों के पंख लगाकर  और ऊंचा उड़ जाऊंगा  देखना, एक न एक दिन  मैं अवश्य मंजिल पाऊंगा  दुख क्या राह रोकेगा मेरी  हिम्मत की लाठी रखता हूँ  गमों के भीषण भंवर ...

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