ज़िन्दगी गुलज़ार है

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१८ अप्रैल – ज़ारून पता नहीं मेरे सारे दिन एक जैसे क्यों होते जा रहे हैं , फ्रस्ट्रेशन , डिप्रेशन से भरपूर. आज फिर मेरा दिन बहुत बुरा गुज़रा है और ...

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