ज़िन्दगी गुलज़ार है

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१८ अगस्त – ज़ारून कभी-कभी मैं अपनी मौज़ूदगी से बोर होने लगता हूँ. कहाँ मैं लाहौर जैसे हंगामाखेज़ शहर का रहने वाला और कहाँ ये इस्लामाबाद जैसा फॉर्मल शहर. मेरे लिए ...

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