ज़िन्दगी गुलज़ार है

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२६ मार्च – कशफ़ कल जब मैंने ज़ारून जुनैद को देखा था , तो मुझे ये तवक्को (उम्मीद) नहीं थी कि आज वो मेरे ऑफिस आ जायेगा. जब पी.ए. ने मुझे ...

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