ज़िन्दगी गुलज़ार है

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२० अप्रैल कशफ़ मैं सोच भी नहीं सकती थी कि सात साल बाद ये शख्स ज़ारून जुनैद मेरे लिए दोबारा अज़ाब (मुसीबत) बन जायेगा. इस क़दर ढीठ और कमीना आदमी मैंने ...

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