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गज़ल आसमां के तले अपना हुआ डेरा ही सही। मुफलिसी ने अगर घेरा है तो घेरा ही सही।। रोशनी आई नही है हमारे हिस्से में। चलो मंजूर है हमको ये अंधेरा ...