कविता--विदाई

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दैनिक विषय ःःःविदाई कविता--विदाई हो गई तैयार  डोली,सज गया है कारवां अपने घर जाने को चारों धामों में घूम अब आ गया है पथ ब्रह्म लोक जाने को सजासंवारकर उसे सब ...

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