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गीत अंतस के अरमान खोलकर तुमको आज दिखाना है। प्रणय पंथ पर धीरे धीरे आगे बढ़ते जाना है।। प्रणय निवेदन मैंने भेजा, मीत बड़ी ही आशा से। जो तुमने स्वीकार किया ...