186 Part
142 times read
1 Liked
... विनयसिंह तो ऐसे सिटपिटा गए, जैसे कोई सेवक अपने स्वामी का संदूक खोलता हुआ पकड़ा जाए। मन में झुँझला रहे थे कि क्यों मैंने मिथ्या भाषण किया? मुझे छिपाने की ...