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विधा: कविता शीर्षक: भ्रमर नादां राह अंजान नव प्रभात बेला आई, भोर जागी, ऊषा अलसाई , पट से खोल रही ,मुस्काई, अंखियों के झरोखे से शरमाई ...! पंछियों ने छोड़े नीड़, ...