ख्वाब था

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# प्रतियोगिता# गज़ल सूरज की रोशनी में दिखा, माहताव था। मेरी नज़र के सामने वो, मेरा ख्वाब था।। मदहोश कर रहा था, वो खुशबू बिखेर कर। जैसे कि वो गुलशन का, ...

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