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... सारे नगर में, गली-गली में घर-घर यही चर्चा होती रहती थी। सारे नगरवासी रोज वहाँ पहुँच जाते थे, केवल तमाशा देखने नहीं,बल्कि एक बार उस पर्ण-कुटी और उसके चक्षुहीन निवासी ...