रंगभूमि--मुंशी प्रेमचंद

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रंगभूमि अध्याय 45 पाँड़ेपुर में गोरखे अभी तक पड़ाव डाले हुए थे। उनके उपलों के जलने से चारों तरफ धुआँ छाया हुआ था। उस श्यामावरण में बस्ती के ख्रडहर भयानक मालूम ...

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