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#प्रतियोगिता कविता ः रौशनी से उम्मीद की रौशनी से झिलमिलाती वो मासूम आँखें.... एक रोटी के लिए... आँखों में आशा की चमक लिए... मुस्कुराते हुए... सूखी हुई बासी रोटी के चंद ...