लेखनी कविता -16-Mar-2022

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सोच बदली, स्वभाव बदला, बदल चुकी है जीवन शैली। साफ कपड़े और सुंदर चेहरे, आत्मा उतनी ही मैली। पहले वाली मौज ना है, ना परिवारों में अब हंसी ठिठोली गिल्ली डंडा, ...

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