कविता - प्रीत के रंग

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❤️|| प्रीत के रंग ||❤️ सालभर संजोये भावों से , मैंने प्रीत के रंग बनाये हैं। पुनः प्रियवर! को रंगने को, चुपके से मुट्ठी में छिपाये हैं।। एक-एक रंग शनैः – ...

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