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आज सोचा कुछ लिखूं,, पर क्या,, और किस पर लिखूं,,?? सोचा कुछ इंसानियत पर लिखूं पर,,, वो तो अब बची नहीं,, सोचा कुछ प्रकृति पर लिखूं,, पर वो बेचारी तो दम ...