दस्तक दे रही सर्द हवा

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दस्तक दे रही है सर्द हवा ठिठुर रहे सब दिल जवां बीच में है शर्म की चादर साँसों से भी उठता धुआं ना उठे कदम कोई पीछे ख्वाबों को खुद ही ...

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