लेखनी प्रतियोगिता -नाव

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नाव जिंदगी की नाव के,  तुम  ही खेवनहार हो।  आप ही दातार हो,  आप पालनहार हो।  सूझता कुछ भी नही,  बिन आपके कुछ भी मुझे।  थाम लो पतवार आकर,  आप तारणहार ...

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