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"जिज्ञासा मन की" वर्ण पिरामिड मैं जीव जिंदगी शुरु होती पैदा होते ही प्रति पल क्षण आते जाते विचार प्रस्फुटित होते अन्तर्मन में असीमित विचार कैसे ये मन आश्चर्य चकित हो ...