रात भर

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गज़ल क्या कहें दिल मचलता रहा रात भर। याद का दीप जलता रहा रात भर।। नींद आंखों से ओझल रही हर घड़ी। वक़्त करवट बदलता रहा रात भर।। छोड़ कर इस ...

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