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एक ओर जमाने से मैं कह आई थी,, हैं, जितने भी अरमां तेरे,, तू जोर लगा कर उनको तोड़ दे,, मैं फिर से बुन लूंगी नए पंखों को,, उड़ जाऊंगी उस ...