शहीद दिवस

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हँसते हँसते देश की खातिर फाँसी पर जो झूल जाए  ऐसे बलिदानियों को कैसे देश भला फिर भूल पाए  देश की खातिर मर मिटने का हौसला वो तूफानी था  चोरी से ...

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