चीखता वीरान किला भाग 2

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"तृषा....." हमने फिर से एक डरावना सपना देखा। सुबह हो चुकी थी मगर हमारी आंखों से, हमारे मन से वह रात निकल ही नहीं पा रही थी जब उसने हमारी तृषा ...

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