1 Part
439 times read
16 Liked
आज फिर वीरान अपना मकान देखा , गली को भी बड़ा सुनसान देखा | चंचल, शोख , हसीं खनकती थी कभी, परिंदा भी तो नहीं वहां घूमता अभी | प्यार का ...