मकान

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तुम्हारे होने से मकान घर बन जाता है, और न होने से जैसे, अंदर कुछ मर जाता है। तुम्हारा स्पर्श मेरे जख्मों पर मरहम का काम करता है। तुम्हारा मुझे यूँ ...

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